डमरु बजाया lyrics hindi - हँसराज रघुवंशी(Hanshraj Raghuvanshi)



डमरु बजाया lyrics hindi -  हँसराज रघुवंशी(Hanshraj Raghuvanshi)
डमरु बजाया lyrics hindi -  हँसराज रघुवंशी(Hanshraj Raghuvanshi)


शिवरात्रि स्पेशल सांग लिरिक्स " डमरु बजाया " इस सोंग का म्यूजिक दिया है अदम्या  शर्मा और इस सोंग को गाया है हँसराज रघुवंशी  ने। 




Song : Damru Bajaya 

Singer : Hansraj Raghuwanshi 
Music / Video : Adamya Sharma 
Label Hansraj Raghuwanshi

डमरुँ बजाया (Damru bajaya )सांग लिरिक्स (lyrics )

मैं हिमाँचल की बेटी
मेरा भोला बसे काशी 
सारी उम्र तेरी सेवा करुँगी 
सारी उम्र तेरी सेवा करुँगी
बनकर तेरी दासी 

शम्भू..... 

शिव शिव शिव शिव शम्भू
शिव शिव शिव शिव शम्भू

ऐसा डमरू बजाया भोलेनाथ ने 
सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया 
ऐसा डमरू बजाया भोलेनाथ ने 
सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया 


सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया 
सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया 
सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया 
सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया 
ऐसा डमरू बजाया भोलेनाथ ने 
सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया 

डमरू को सुनकर जी कान्हा जी आये 
कान्हा जी आये सँग राधा भी आये 
डमरू को सुनकर जी कान्हा जी आये 
कान्हा जी आये सँग राधा भी आये 

वहां सखियों का मन भी  मगन हो गया 
सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया 
ऐसा डमरू बजाया भोलेनाथ ने 
सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया 


डमरू को सुनकर जी गनपत चले हैं 
डमरू को सुनकर जी गनपत चले हैं
गनपत चले हैं सँग कार्तिक चले 
गनपत चले हैं सँग कार्तिक चले 
माँ अम्बे का मन भी मगन हो गया 
सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया 

डमरू को सुनकर जी रामा  जी आये 
डमरू को सुनकर जी रामा  जी आये 
रामा  जी आये  सँग लक्ष्मण  जी आये 
मईया सीता का मन भी मगन हो गया 
ऐसा डमरू बजाया भोलेनाथ ने 
ऐसा डमरू बजाया भोलेनाथ ने 
सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया 

शम्भू..... !

डमरू को सुनकर जी ब्रम्हा चले 
यहाँ ब्रम्हा चले वहाँ विष्णु चले 
डमरू को सुनकर जी ब्रम्हा चले 
यहाँ ब्रम्हा चले वहाँ विष्णु चले 
मईया लक्ष्मी का मन भी   मगन हो गया 
सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया 
ऐसा डमरू बजाया भोलेनाथ ने 
सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया 


डमरू को सुनकर जी गंगा  चले 
गंगा चले वहाँ यमुना चले 
डमरू को सुनकर जी गंगा  चले 
गंगा चले वहाँ यमुना चले गंगा  चले 
गंगा चले वहाँ यमुना चले गंगा  चले 
 सरयू का मन भी मगन हो गया 
ऐसा डमरू बजाया भोलेनाथ ने 

डमरू को चलकर जी सूरज चले 
सूरज चले  वहाँ चँदा चले 

डमरू को चलकर जी सूरज चले 
सूरज चले  वहाँ चँदा चले 
सारे तारों का मन भी   मगन हो गया 
ऐसा डमरू बजाया भोलेनाथ ने 
ऐसा डमरू बजाया भोलेनाथ ने 
सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया 

शम्भू..... 

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